Wednesday, October 1, 2014

‘तिरंगा’ तीसरे नंबर पर मंजूर न था, ...




नई दिल्ली। इंचियॉन में चल रहे एशियन गेम्स में भारतीय मुक्केबाज एल सरिता देवी ने कांस्य पदक लेने से इनकार कर दिया। आईबीएन नेटवर्क से बात करते हुए सरिता देवी ने कहा कि मुझे पदक ठुकराने का कोई अफसोस नहीं है। मैंने जो किया वो देश के लिए किया। जब मैंने देखा कि भारत का तिरंगा तीसरे नंबर पर है तो मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाई और मैंने मेडल पहनने से इनकार कर दिया। मेरे साथ जो हुआ उससे मेरा दिल टूट गया है।


सरिता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं पदक नहीं लेना चाहती थी। मैंने पदक स्वीकार कर लिया उसके बाद मैंने इसे कोरियाई खिलाड़ी को वापस कर दिया। मुक्केबाजी में आगे अपना करियर जारी रखने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा, क्योंकि यदि मैं ऐसा नहीं करती तो यह घटना मेरे दिमाग में हमेशा चलती रहती। सरिता ने किसी भी परिणाम के लिए खुद को तैयार बताया और भारतीय अधिकारियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैं कोई भी परिणाम झेलने के लिए तैयार हूं। एक भी भारतीय अधिकारी हमारे पास ढांढस बंधाने तक नहीं आया और न ही हमसे इस संबंध में कोई बात की गई।


सरिता ने कहा कि हमारे अधिकारी आखिर यहां क्या कर रहे हैं, जब वे अपने खिलाड़ियों की मदद नहीं कर सकते। मुझे अपील करने के लिए कोच और एक पत्रकार से पैसा लेना पड़ा। सरिता ने कहा कि मैं यह जानती हूं कि मैं ऐसा कहकर खुद को संकट में डाल रही हूं, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है। जो मेरे साथ हुआ है वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। जब मेरे साथ यह अन्याय हुआ तो कुछ अधिकारी यहां मौजूद थे लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया। मैं जानती हूं कि फैसला बदला नहीं जा सकता लेकिन वे कम से कम मेरे साथ खड़े तो हो सकते थे।


सरिता के पति तोएबा सिंह ने कहा कि जो कुछ हुआ वह स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। मैंने उसे कहा था कि वह जो करना चाहे पोडियम पर करे, मैं उसके साथ हूं। पूरी दुनिया उसके साथ है। ऐसा करने के बाद वह अब राहत महसूस कर रही है। तोएबा ने भारतीय अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि मुकाबले को 24 घंटे गुजर चुके हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनसे या सरिता से संपर्क करने की कोशिश नहीं की। पूर्व फुटबॉलर तोएबा ने कहा कि ये अधिकारी आते हैं। वीआईपी गैलरी में बैठते हैं लेकिन उनके पास सरिता से बात करने के लिए समय नहीं है।


(आईबीएन7 से बात करते हुए कैसे फूटा सरिता देवी का गुस्सा, कैसे खुद को नहीं रोक पाईं वो रोने से और कैसे भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के अध्यक्ष व एशियाड में भारतीय दल के चीफ डी मिशन आदिले सुमारिवाला ने उनसे मिलने व ढांढस बंधाने तथा उनके लिए पूरी कानूनी लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया ये जानने के लिए वीडियो देखें)


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