नई दिल्ली: शैक्षणिक योग्यता पर उठे विवाद के बीच मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि उनका आकलन उनके काम से किया जाए। विपक्ष उन्हें काम से भटकाने की साजिश है।
यह विवाद तब पैदा हुआ जब स्मृति ईरानी को मानव संसाधन मंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस प्रवक्त अजय माकन की टिप्पणी की।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने मोदी कैबिनेट की मंत्री स्मृति ईरानी के ‘स्नातक’ भी नहीं होने और उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय जैसा खासा अहम मंत्रालय दिए जाने को लेकर सवाल उठाया था।
माकन ने हैरत जताते हुए कहा था कि जिस व्यक्ति ने अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं किया, उसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रभारी कैसे बनाया जा सकता है। स्मृति स्नातक भी नहीं हैं।
इस पर केंद्रीय कानून, आईटी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर कांग्रेस प्रवक्ता (अजय माकन) ने ऐसा कहा है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। स्मृति जिस तरह से हिन्दी और अंग्रेजी बोलती हैं और उनमें जिस तरह की नेतृत्व क्षमता है, देश उससे परिचित हो चुका है।
उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके गुणों के कारण ही उन्हें यह पद दिया है। क्षमताओं का ध्यान रखकर ही उन्हें यह पद सौंपा गया है। प्रसाद ने कांग्रेस के किसी नेता का नाम लिए बिना कहा कि ऐसी टिप्पणियां करने से पहले कांग्रेस को पहले अपने गिरेबां में झांककर देख लेना चाहिए।
वहीं भाजपा की वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री उमा भारती ने बुधवार को कहा था कि पहले वे बताएं कि सोनिया गांधी कितना पढ़ी हैं।
First Published: मई 29, 2014 09:51 AM IST
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डिग्री विवाद पर बोलीं स्मृति ईरानी, मेरा आकलन मेरे काम से हो
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