सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगा दी है। याकूब ने अपनी फांसी की सजा के खिलाफ याचिका दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र की सरकार को नोटिस भी भेजा है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया है।
याकूब पिछले 20 साल से जेल में है और इसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास से खारिज की जा चुकी है। याकूब को 1994 में काठमांडू एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
वर्ष 2013 में 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में याकूब मेमन की फांसी की सजा को बरकरार रखा था, जबकि 10 भगोड़े दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और भगोड़े आतंकी टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को 1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। टाडा की विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में याकूब को आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमाके से जुड़े अन्य आतंकियों के लिए धन की व्यवस्था करने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दी थी। फैसले में याकूब को मुंबई सीरियल धमाके का सरगना करार दिया गया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेनन की फांसी पर लगाई रोक
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