Saturday, September 13, 2014

शिवराज की सफाई, विपक्ष ने मांगा ...




नई दिल्ली। व्घोटाले के चक्रव्यूह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुरी तरह घिरे नजर आ रहे हैं। उनकी कैबिनेट का एक पूर्व मंत्री हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कर रही एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुके हैं तो उनके पूर्व सहायक प्रेम प्रसाद का नाम भी आ गया है। विपक्ष शिवराज का इस्तीफा मांग रहा है। इसी बीच शिवराज सिंह चौहान ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इस घोटाले में उनके परिवार का नाम उछालना गलत है और वो इस मामले में मानहानि का केस करने की तैयारी में हैं।


इसके पहले भर्ती घोटाले में परिवार पर कांग्रेस के आरोपों को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्विटर के जरिए सफाई दी है। उन्होंने लिखा है कि मेरी पत्नी के किसी रिश्तेदार की भर्ती व्यापम के जरिए नहीं हुई है। इतनी ही नहीं महाराष्ट्र से एक भी उम्मीदवार की बहाली नहीं हुई है।


दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से एमपी सरकार पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, एमबीबीएस में हुए सभी दाखिलों और नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए। अब शक की सुई मुख्यमंत्री पर अटकी हुई है। अभी तक बीजेपी और आरएसएस की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई है।


कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि इतना बड़ा महाघोटाला बिना किसी संरक्षण के नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री अगर विचलित हैं तो वो इसकी निष्पक्ष जांच करा लें। मैं अपने आरोप पर अडिग हूं। अभी मैं कुछ और लोगों के नाम बताऊंगा। अगर मेरे आरोप सही नहीं है, तो लक्ष्मीकांत शर्मा का नारको टेस्ट करा लें, सब सच सामने आ जाएगा। मुख्यमंत्री मेरे ऊपर जिनते चाहें मानहानी के मुकदमें कर लें मैं दो दिन बाद फिर कुछ बताऊंगा। पीएससी के अगर तार खुल गए तो मुख्यमंत्री जी के परिवार के लोग कितने डीएसपी बने हैं, ये पता चल जाएगा। शिवराज का राज चल रहा है, अगर डिफेमेशन है तो मुझे गिरफ्तार कर लें। उनके परिवार के लोग किस किस धंधे में शामिल हैं।


जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा कि इसमें जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए। उमा भारती ने ख़ुद कहा है कि जांच करा लो। लेकिन अगर सीबीआई जांच करती है वो खुद आगे जाकर कंट्रोवर्शियल हो जाता है। सही मायने में जांच होनी चाहिए क्योंकि अगर किसी और पार्टी का नाम आता तो बीजेपी तमाम लोगों के इस्तीफे मांग लेती।


सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि यह अब तक हुए घोटालों से ज्यादा खराब घोटाला है। इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।


अतुल अंजान ने कहा कि जो इमानदारी का तमगा लगाकर घूम रहे थे उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। शिक्षा घोटाले में कई लोग फंस रहे हैं। बिना पैसे लिए कोई भर्ती नहीं हुई है। अब सच्चाई सामने हैं। ना बीजेपी कुछ बोल रही है और ना ही पीएम कुछ बोल रहे हैं। मध्यप्रदेश के अंदर इस तरह के भ्रष्टाचार बतलाते हैं कि बीजेपी और भ्रष्टाचार का रिश्ता निकटता का रिश्ता है। यूपी में जो रेप हो रहे हैं उसके खिलाफ बीजेपी महिला मोर्चा सड़कों पर हल्ला मचाया और राजनीतिकरण किया गया। वहीं निहालचंद पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। राजस्थान और मध्यप्रदेश में रेप पर कुछ भी नहीं बोल रही हैं।


वहीं बीजेपी शिवराज पर लग रहे आरोपों का बचाव कर रही है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस किच किच का किचन है, हर दिन एक कहानी पकाते है और हार के बाद भी नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आ रहे है।


सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कांग्रेस के आरोपों पर शिवराज का बचाव करते हुए कहा कि शिवराज पर लगे आरोप निराधार हैं। शिवराज ने खुद कहा है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार से कांग्रेस निराश है। इसी निराशा की वजह से कांग्रेस ऐसे आरोप लगा रही है। मुख्यमंत्री ने जो भी कहा है वो प्रामाणिक है।


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